उत्तर प्रदेश : सरकार द्वारा चलाए जा रहे “मिशन शक्ति अभियान” के तहत गोंडा पुलिस ने महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक और प्रभावी कदम उठाया है। पुलिस अधीक्षक विनीत जासससवाल के निर्देशन में और क्षेत्राधिकारी लाइन उदित नारायण पालीवाल के नेतृत्व में एंटी रोमियो स्क्वाड द्वारा सेंट जेवियर्स हायर सेकेंडरी स्कूल में छात्राओं को रेड कार्ड अभियान के तहत जागरूक किया गया।
अभियान का उद्देश्य: आत्मनिर्भरता और सुरक्षा का संदेश
इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर, सशक्त और समाज में समान अधिकार दिलाना है। एंटी रोमियो स्क्वाड टीम ने छात्राओं को यह समझाया कि उनके फीडबैक से पुलिस को ऐसे स्थानों को चिन्हित करने में मदद मिलती है, जहां शोहदों/मनचलों का जमावड़ा लगा रहता है।
रेड कार्ड: चेतावनी और कार्रवाई का संयोजन
पुलिस ने बताया कि छात्राओं से मिले फीडबैक के आधार पर 61 स्थानों की मैपिंग की गई और वहां एंटी रोमियो टीमों की सक्रियता बढ़ाई गई। चिन्हित जगहों पर पुलिस ने 09 मनचलों को पकड़ा और उन्हें रेड कार्ड देकर चेतावनी दी गई।
रेड कार्ड प्राप्त करने वाले यदि दोबारा इस तरह की हरकत करते पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
फीडबैक से मिला पुलिस को नया विजन
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आज के अभियान के दौरान एंटी रोमियो स्क्वाड ने 1085 छात्राओं से फीडबैक फॉर्म प्राप्त किए।
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छात्राओं ने जिन स्थानों को असुरक्षित बताया, उन्हें थानावार चिन्हित किया गया।
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फीडबैक से पता चला कि छेड़खानी, छींटाकशी और अभद्र टिप्पणी करने वाले कुछ युवक अक्सर स्कूल-कॉलेजों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सक्रिय रहते हैं।
सीधी भागीदारी: मिशन शक्ति को मिली नई ऊर्जा
यह अभिनव प्रयास मिशन शक्ति के तहत महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पहल साबित हो रही है।
पुलिस की मंशा केवल कार्रवाई नहीं, बल्कि समझदारी और संवाद के माध्यम से समाज में बदलाव लाना है।
अंतिम चेतावनी का संकेत: रेड कार्ड का महत्व
रेड कार्ड न केवल चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कानून की नजरें उन पर हैं जो समाज में असुरक्षा का वातावरण बनाते हैं।
अब छात्राओं की आवाज सीधे पुलिस की रणनीति का हिस्सा बन रही है।
अभियान में मौजूद अधिकारीगण
इस कार्यक्रम में एंटी रोमियो स्क्वाड प्रभारी म0उ0नि0 पूजा वर्मा सहित टीम के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। उन्होंने छात्राओं से फीडबैक फॉर्म भरवाए और उन्हें उनके अधिकारों और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक किया।
निष्कर्ष:
गोंडा पुलिस का यह प्रयास न सिर्फ एक सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि छात्राओं के आत्मबल और सामाजिक सहभागिता को भी मजबूत बना रहा है।
रेड कार्ड अभियान से यह स्पष्ट संदेश गया है कि अब महिलाएं और छात्राएं चुप नहीं रहेंगी, और पुलिस उनके साथ मजबूती से खड़ी है।