गोंडा: उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने गुरुवार को जिले के एक दिवसीय दौरे के दौरान बाढ़ और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक एक निजी होटल में आयोजित की गई, जिसमें बाढ़ से बचाव के इंतजामों और खेतों तक सिंचाई पानी पहुंचाने की तैयारियों की समीक्षा की गई।
🛠️ बचे कार्य जल्द पूरे करने के निर्देश:
मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि
“जो भी बाढ़ से बचाव से जुड़े निर्माण या मरम्मत कार्य बाकी हैं, उन्हें मानसून की तेज़ बारिश से पहले हर हाल में पूरा कर लिया जाए। कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि नदी तटों की स्ट्रेंथनिंग (मजबूती), सैंड बैग्स, पम्पिंग सेट और आपातकालीन स्टॉक की व्यवस्था समय रहते सुनिश्चित कर ली जाए।
🌾 किसानों को पानी मिलने में न हो समस्या:
स्वतंत्र देव सिंह ने सिंचाई विभाग को यह भी निर्देश दिया कि
“खरीफ फसल के दौरान किसानों को नहरों से पर्याप्त पानी मिले। बिजली की कटौती और मशीनरी की खराबी जैसी दिक्कतों से किसानों को नुकसान न उठाना पड़े।”
उन्होंने कहा कि किसान इस समय देश की रीढ़ हैं और उनकी सिंचाई संबंधी समस्याओं को प्राथमिकता पर हल किया जाए।
📋 बैठक में मौजूद अधिकारी और विभाग:
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बाढ़ खंड विभाग,
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सिंचाई विभाग,
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जल निगम,
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सिचाई खंड नवाबगंज,
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और अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख अधिकारियों ने बैठक में अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
👨💼 जल शक्ति मंत्री का बयान:
मंत्री ने कहा:
“सरकार बाढ़ नियंत्रण और ग्रामीण इलाकों तक जल आपूर्ति को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमारा प्रयास है कि इस वर्ष कोई भी गांव बाढ़ से प्रभावित न हो और किसान फसल की सिंचाई को लेकर चिंतित न रहे।”
📸 निरीक्षण की संभावना:
सूत्रों के अनुसार, मंत्री जल्द ही गोंडा के कुछ संवेदनशील बांधों, जल निकासी परियोजनाओं और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का भौतिक निरीक्षण भी कर सकते हैं, ताकि तैयारियों की जमीनी हकीकत जानी जा सके।
🔚 निष्कर्ष:
गोंडा में जल शक्ति मंत्री की यह समीक्षा बैठक न सिर्फ प्रशासनिक मुस्तैदी को दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि उत्तर प्रदेश सरकार मानसून से पहले बाढ़ और जल संकट की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तैयारी में जुटी हुई है। अब देखना होगा कि इन निर्देशों पर अमल कितनी तेजी और गंभीरता से होता है।