लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कांवड़ यात्रा को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांवड़ियों के वेश में कुछ सत्ता संरक्षित गुंडे और माफिया यात्रा की आड़ में अराजकता और माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा –
“भगवान शिव के असली भक्त भोले होते हैं, वे कभी हिंसा या अराजकता में शामिल नहीं हो सकते। जो लोग सड़कों पर बवाल और हंगामा कर रहे हैं, वे कांवड़ यात्रा की पवित्रता को ठेस पहुंचा रहे हैं।”
उन्होंने ये भी कहा कि यह सब कुछ सरकारी संरक्षण में हो रहा है और इससे यात्रा का उद्देश्य ही बदनाम हो रहा है।
🔎 योगी सरकार पर सीधा हमला
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि राज्य सरकार धार्मिक आस्था की आड़ में गुंडों को बढ़ावा दे रही है, जिससे आम जनता की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
🛕 कांवड़ यात्रा की पवित्रता पर चिंता
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह कांवड़ यात्रा के विरोधी नहीं हैं, बल्कि उसके नाम पर होने वाले राजनीतिक खेल और कानून व्यवस्था की अनदेखी का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा –
“जो शिवभक्त होते हैं, वे शांतिप्रिय होते हैं। वे तो जल चढ़ाकर लौट जाते हैं, बवाल नहीं करते।”
📣 राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आने की संभावना
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद यह तय है कि सत्तारूढ़ भाजपा और हिंदू संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो सकता है।
👉 निष्कर्ष:
कांवड़ यात्रा एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, जिसे लेकर राजनीति और बयानबाजी तेज हो गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य का यह बयान इस बहस को और गहरा कर सकता है कि धार्मिक आयोजनों में किस हद तक राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है।