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भारत बना डिजिटल पेमेंट का वैश्विक लीडर: IMF की रिपोर्ट में भारत नंबर-1, 85% डिजिटल पेमेंट UPI से; अब 7 देशों में ग्लोबल विस्तार

भारत: ने दुनिया के डिजिटल भुगतान मानचित्र पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराते हुए पहला स्थान प्राप्त कर लिया है। IMF (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड) की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) मॉडल न केवल घरेलू स्तर पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सबसे सफल डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन चुका है।

यह उपलब्धि न सिर्फ आंकड़ों में बड़ी है, बल्कि तकनीकी नवाचार और फाइनेंशियल इंक्लूजन की दिशा में भी भारत की प्रभावशाली बढ़त को दर्शाती है।


🔢 जून 2025: ₹24.03 लाख करोड़ का रिकॉर्ड लेन-देन

NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के आंकड़ों के अनुसार, केवल जून 2025 में ही UPI के माध्यम से 1,839 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल वैल्यू ₹24.03 लाख करोड़ रही।

यह पिछले वर्ष जून 2024 के 1,388 करोड़ ट्रांजैक्शन की तुलना में 32% की ग्रोथ को दर्शाता है। इसका सीधा संकेत है कि भारत में अब अधिकतर आर्थिक गतिविधियाँ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संचालित हो रही हैं।


👥 49 करोड़ से ज्यादा यूजर और 6.5 करोड़ व्यापारी जुड़ चुके हैं

भारत में आज लगभग:

  • 49.1 करोड़ एक्टिव UPI यूजर्स

  • 6.5 करोड़ रजिस्टर्ड व्यापारी

  • 675 से अधिक बैंक
    UPI प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं।

इस नेटवर्क ने शहरों से लेकर गांवों और छोटे कस्बों तक अपनी पहुंच बना ली है, जिससे डिजिटल समावेशन (financial inclusion) को नई ऊंचाई मिली है।


🌍 ग्लोबल लेवल पर भी भारत की धाक

UPI की पहुंच अब अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को भी पार कर चुकी है। वर्तमान में यह 7 देशों में सक्रिय है:
UAE, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस और फ्रांस।

फ्रांस में UPI की शुरुआत ने भारत के यूरोपियन डिजिटल पेमेंट सेक्टर में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त किया है, जिससे वहां रह रहे या यात्रा कर रहे भारतीयों को भुगतान में सरलता प्राप्त हुई है।


🔧 UPI कैसे करता है काम?

UPI एक रीयल-टाइम इंटरबैंक ट्रांजैक्शन सिस्टम है, जो उपयोगकर्ता को एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) के माध्यम से उनके बैंक खाते से जोड़ता है।

उपयोगकर्ता बिना बैंक अकाउंट नंबर, IFSC कोड या कार्ड डिटेल्स डाले केवल:

  • मोबाइल नंबर,

  • QR कोड

  • या UPI ID
    के ज़रिए तेजी से और सुरक्षित ट्रांजैक्शन कर सकता है।

UPI से संभव हैं:

  • तत्काल फंड ट्रांसफर

  • बिजली, पानी, मोबाइल बिल भुगतान

  • ऑनलाइन शॉपिंग

  • छोटे और बड़े दुकानदारों से भुगतान


💬 PIB की टिप्पणी: सिर्फ डेटा नहीं, भरोसे की तस्वीर

PIB (प्रेस सूचना ब्यूरो) के अनुसार:

“यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, यह भारत के डिजिटल फ्रेमवर्क पर बढ़ते भरोसे की कहानी है।”

UPI ने भारत को कैश और कार्ड-आधारित सिस्टम से डिजिटल-डोमिनेटेड इकोनॉमी की ओर अग्रसर किया है, जहां स्मार्टफोन ही वॉलेट बन चुका है।


🔚 निष्कर्ष

भारत का UPI मॉडल अब केवल एक पेमेंट सिस्टम नहीं, बल्कि एक डिजिटल क्रांति बन चुका है। इसने आम नागरिक, किसान, छोटे दुकानदार, स्टूडेंट्स और वरिष्ठ नागरिक – सभी को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ा है।

भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब टेक्नोलॉजी को समावेशिता के साथ अपनाया जाए, तो वह केवल सिस्टम नहीं, जीवन को भी बदल सकती है।

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