गोंडा | उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को गोंडा जिले के एक दिवसीय दौरे के दौरान बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई व्यवस्था की समीक्षा की। जिले के एक निजी होटल में आयोजित बैठक में उन्होंने बाढ़ खंड और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से परियोजनाओं की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली और वर्षा ऋतु के मद्देनजर तैयारियों को युद्धस्तर पर पूरा करने के निर्देश दिए।
बचे हुए कार्यों को समय से करें पूरा: मंत्री का निर्देश
बैठक में जल शक्ति मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि मानसून के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बाढ़ से पहले जिन तटबंधों, नालों, नालियों, नहरों की मरम्मत या सफाई शेष है, उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि जलभराव और बाढ़ से जनहानि न हो।
“हर साल की तरह इस बार भी बाढ़ की चुनौती सामने है, लेकिन हमें पहले से तैयार रहना है। किसानों को सिंचाई के लिए जल आपूर्ति बाधित न हो, यह सुनिश्चित करें।”
— स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति मंत्री
किसानों की चिंता सर्वोपरि
मंत्री ने जोर दिया कि जिले में फसल की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिले, यह प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नहरों और सिंचाई चैनलों की निगरानी की जाए, कहीं पानी की कमी की शिकायत न मिले।
साथ ही मंत्री ने फील्ड अफसरों से फील्ड विजिट कर वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करने को कहा और कहा कि केवल फाइलों में काम नहीं दिखना चाहिए, जमीनी स्तर पर परिणाम दिखने चाहिए।
बाढ़ से जुड़े संवेदनशील इलाकों की रिपोर्ट मांगी
बैठक के दौरान बाढ़ प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान, बाढ़ चेतावनी प्रणाली, राहत केंद्रों की तैयारियों और संसाधनों की उपलब्धता पर विस्तृत चर्चा की गई।
मंत्री ने कहा कि अगर कहीं जांच में लापरवाही या देरी पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
अधिकारियों को निर्देश
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सभी निर्माण और मरम्मत कार्यों को बारिश से पहले हर हाल में पूरा किया जाए
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नहरों की सफाई और सिल्ट निकासी पर विशेष ध्यान दिया जाए
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जल भराव वाले शहरी क्षेत्रों के लिए पंपिंग स्टेशन सक्रिय रहें
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बाढ़ से जुड़े राहत व पुनर्वास केंद्रों की समीक्षा करें
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जरूरत पड़ने पर रैपिड एक्शन टीमें तैनात रहें
दौरे का उद्देश्य
स्वतंत्र देव सिंह का यह दौरा गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती जैसे बाढ़ संभावित जिलों में तैयारियों का जायजा लेने के अभियान का हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों और आमजन के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को पूरी तरह तैयार रहना होगा।
निष्कर्ष
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का गोंडा दौरा बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई व्यवस्था को लेकर सरकार की गंभीरता और तत्परता का प्रतीक है। अब देखना होगा कि विभागीय अधिकारी कितनी प्रभावी ढंग से निर्देशों का पालन कर बाढ़ और जल संकट जैसी समस्याओं से जनता को राहत दिला पाते हैं।