आज: श्रावण मास का दूसरा सोमवार है, जो अपने आप में एक अत्यंत शुभ और दुर्लभ संयोग लेकर आया है। आज के दिन न सिर्फ भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है, बल्कि इस बार का दूसरा सोमवार तीन अत्यंत शुभ और प्रभावशाली योगों के साथ आया है—सर्वार्थ सिद्धि योग, वृद्धि योग और अमृत सिद्धि योग।
यह योग ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण माने गए हैं और ऐसा संयोग बहुत ही कम देखने को मिलता है। साथ ही आज कामिका एकादशी का व्रत भी है, जिससे इस दिन का आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ गया है।
1. वृद्धि योग: प्रगति और समृद्धि का प्रतीक
वृद्धि योग का तात्पर्य है—बढ़ोतरी, उन्नति और तरक्की। यह योग आज के दिन बन रहा है, जो विशेष रूप से धन, व्यवसाय और मान-सम्मान में बढ़ोतरी लाने वाला माना जाता है।
इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से आर्थिक कठिनाइयां दूर होती हैं और स्थिरता प्राप्त होती है। यह दिन नई शुरुआत या निवेश के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है।
2. सर्वार्थ सिद्धि योग: सभी कार्यों में सफलता का योग
इस योग का नाम ही अपने महत्व को दर्शाता है—सर्वार्थ यानी सभी कार्य और सिद्धि यानी सफलता।
इस योग में आरंभ किए गए सभी शुभ कार्यों में बाधाएं न्यूनतम होती हैं और सफलता की संभावना बहुत अधिक रहती है।
यदि इस योग में शिव उपासना, मंत्र जाप या कोई व्रत या संकल्प किया जाए, तो उसके विशेष फल प्राप्त होते हैं।
3. अमृत सिद्धि योग: दीर्घकालिक शुभ परिणामों का संकेत
अमृत सिद्धि योग एक अत्यंत शुभ और चिरस्थायी प्रभाव देने वाला योग होता है। इस योग में किए गए कार्य दीर्घकालिक लाभ देते हैं, विशेषकर स्वास्थ्य, अध्यात्म और पारिवारिक कल्याण से संबंधित कार्यों में।
शिव पूजा के लिए यह योग विशेष फलदायी है।
निष्कर्ष:
आज सावन का दूसरा सोमवार इन तीन शुभ योगों के साथ आकर एक अद्भुत अवसर बन गया है।
इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में धन, स्वास्थ्य, सफलता और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
ऐसे दुर्लभ योग हर साल नहीं बनते, इसलिए आज का दिन आध्यात्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
📿 शुभ व्रत, शुभ योग और शिव कृपा के साथ आपका जीवन हमेशा खुशहाल और सफल हो — यही कामना है।